Poetic Triggering of a Soul
Saturday, May 17, 2025
अल्फाजों की बुनियाद पे कुछ लम्हे ठहर गए
जब मिला मौका गुफ्तगू का, सपने सारे ठहर गए
एक चाहत थी मजबूर उम्मीदों तले
वो बैठा रहा सामने, लफ्ज सारे ठहर गए
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